AI व INTERNET के जमाने मे भी बही खाता है उपयोगी.
व्यपारीयों मे ये कहावत पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही है। धंधे का उसूल....पहले लिख फिर दे। अब AI व INTERNET विभिन अकाउंटिंग सॉफ्टवेर के जमाने मे भी परमपरागात व्यपारि आज भी बही खाते का उपयोग कर रहा है. राजस्थान के विभिन इलाकों मे आज भी बही खातों का उपयोग हो रहा है. जयपुर के प्रकोटे मे 3-4 व्यपारि आज पुरे साल इन का निर्माण कर रहे है और इनकी आपूर्ति कर रहे है तथा देश के विभिन राज्यों यहाँ तक की विदेशो मे भी बही खातों का निर्यात कर रहे है। साल मे दिवाली के अवसर पर इन बही खातों की पूजा करके व्यापार के लिए उपयोग शुरू किया जाता है इन मे पनो को मोड़ कर आठ व छ खानो की बही बना कर उपयोग लिया जाता है।